निदेशक की कलम से …
आदरणीय अभिभावक व प्रिय विद्यार्थी,
वेदान्त ‘‘वेदों में हिन्दु दर्शन के ज्ञान योग की वह शाखा है जो व्यक्ति को संस्कारवान ज्ञान प्राप्ति की दिशा में उत्प्रेरित करती है’’ के सिद्धान्त की अवधारणा को लेकर पाँच वर्ष पहले ‘‘वेदान्त महाविद्यालय’’ की स्थापना की गई।
आपका अपना ‘‘वेदान्त महाविद्यालय’’ शिक्षा के क्षेत्र में आपके स्नेह, आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन से प्रयास करती रही है। आप सभी जागरूक अभिभावक एवं शिक्षा प्रेमी इस बात के गवाह है।
हम यह मानते हैं कि हम अकेले यह कभी नहीं कर पाते यदि आप सभी का सहकार नहीं मिलता, हमारे संयुक्त प्रयास रंग लाये है, हमारे परिश्रम को पहचान मिली है। ये हमारी मेहनत का नूर है, जो चमक रहा है चेहरों पर, वरना इन अंधेरों में हमें कौन पूछता है।
‘‘वेदान्त महाविद्यालय‘‘ की स्थापना से लेकर अब तक हर परिस्थिति को हमने चुनौती मानकर उस पर विजय पाई है। आज भी हमारी मूल चुनौती यही है कि गाँव के गोधूली से निकलकर अरमानों का अंगोछा अपने कंधों पर डाले ये गुदड़ी के लाल कहीं भीड़ का हिस्सा न बन जाये …………….इन्हें तलाश कर तराशना ही ‘‘वेदान्त महाविद्यालय’’ का ध्येय है।
आपके सहयोग की अपेक्षा के साथ
डॉ. आर. एन. यादव
निदेशक